कल और आज
यह कैसी आजादी है ?———————-!!
देश की हो रही बर्बादी———————-!!
कल देश के लिए कितने लाल~~हो गये कुर्बान।
आज देश के लिए बन गए नेता~ अच्छे मेहमान।
कल वीर सपूतों ने~ अपना सर कलम कर दिये।
आज नेताओं ने माँ के साथ छल कपट कर रहे हैं।
कल वीर सपूतों ने माँ के प्रति किया अच्छा काम।
आज नेताओं ने भारत माँ को बेच रहा खुले आम।
कल वीर सपूतों ने खाई अपने सिने पर गोलियां ।
आज नेताओं ने एक-दूजे को खिला रहे हैं गोलियां।
!!————————-यह कैसी आजादी है ?
!!————————-देश की हो रही बर्बादी।
@रमेश कुमार सिंह /१४-०८-२०१५
आपके भाव अच्छे हैं, पर व्याकरण का सत्यानाश कर दिया है !