कविता

एक तेरे भरोसे पे …

बचपन की यादें
मां का आंचल
पापा का दुलार छोड आयी हूँ

बचपन की सहेली
आंगन, वो देहली
भाई का प्यार छोड आई हूँ

बेबाक बोली
मस्ती की टोली
दीवाली की रंगोली छोड आई हूँ

प्यारी सी बातें
हंसती सी रातें
खुशियों की होली छोड आई हूँ

कान्हा का टीका
माता की चुनरी
मंदिर की रोली छोड आई हूँ

एक तेरे भरोसे पे सजना मेरे
मैं माता पिता की
गली छोड आई हूं…..

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.

One thought on “एक तेरे भरोसे पे …

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    बहुत बढ़िया

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