एक तेरे भरोसे पे …
बचपन की यादें
मां का आंचल
पापा का दुलार छोड आयी हूँ
बचपन की सहेली
आंगन, वो देहली
भाई का प्यार छोड आई हूँ
बेबाक बोली
मस्ती की टोली
दीवाली की रंगोली छोड आई हूँ
प्यारी सी बातें
हंसती सी रातें
खुशियों की होली छोड आई हूँ
कान्हा का टीका
माता की चुनरी
मंदिर की रोली छोड आई हूँ
एक तेरे भरोसे पे सजना मेरे
मैं माता पिता की
गली छोड आई हूं…..
सतीश बंसल
बहुत बढ़िया