स्वास्थ्यहास्य व्यंग्य

पति पत्नी के बीच एक रोचक संवाद

“अजी सुनती हो.”

“बोलो ना, बोलते क्यों नहीं, चुप क्यों हो?”

“तुम दो मिनट वाली नूडल्स बनाती हो, डिब्बाबंद, जंकफूड और फास्टफूड मुन्ने को खिलाती हो, आखिर समय बचाकर क्या करोगी ?”

“तुम कैसे बैंक मैनेजर हो, इतना भी नहीं जानते ?”

“भला, इसमें मेरी मैनेजरी कहां से आ गई ?”

“अरे बचत किसलिए की जाती है, इतना तो तुम्हें पता होना चाहिए, मेरी मां ने सही कहा था कि तेरा शौहर है तो बुद्धिमान पर थोडा स्लो है.”

(गुस्सा होते हुए) “यार, ऐसी टान्टिंग मत करो, सीधी बात बताओ.”

“चलो बाबा, बताती हूं, देखो समय बचेगा तो भविष्य में काम आएगा. ये नूडल्स, फास्टफूड, डिब्बाबंद फ़ूड खिलाएंगे तो मुन्ने को लेड पायजनिंग होगी, मुन्ना बीमार पड़ेगा, अस्पताल ले जाना होगा, डॉक्टरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे, भर्ती भी कराना पड़ेगा ना, यह समय तब बहुत काम आएगा, समझें कि नहीं ?”

“अरे हां डार्लिंग, वाकई तुम कितनी समझदार हो.”

“अब सही पकड़े हो, मेरी मां ने बोर्नविटा, काम्प्लान और न जाने क्या क्या नहीं दिया है, मुझे बचपन में…”

“यू एंड योर मदर आर ग्रेट डार्लिंग.”

“सच्ची ?”

“हां बिल्कुल सच्ची मुच्ची”

“तो फिर मेरे गिफ्ट ?”

“तुम्हें कल ही माइक्रोवेव ओवन गिफ्ट करता हूं!”

“वाव, फिर समय की बचत ! फिर मुन्ने को कैंसर, अस्पतालों के लिए टाइम ही टाइम, कुछ भी कहो तुम पर मेरा असर अब आने लगा है.”

डॉ मनोहर लाल भण्डारी 

2 thoughts on “पति पत्नी के बीच एक रोचक संवाद

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    हा हा , बहुत अच्छा कहा . आज के ज़माने की हेल्थी लाइफस्टाइल को खूब विअंग के ज़रिये बिआं किया .

Comments are closed.