तेरे हाथों मे है सांवरे….
तेरे हाथों मे है सांवरे, मेरे जीवन की नैया।
तार दो तार दो सांवरे पार, बनके खिवैया॥
हर तरफ गरदिशों के है घेरे, घिर गया हूं घनी मुश्किलों में।
हो भंवर बीच सागर में जैसे, आग जैसे लगी साहिलों में॥
संकटों से उबारो हमें, चैन बंसी बजैया….
तार दो तार दो सांवरे पार, बनके खिवैया..
कोई सुनता नही मेरे मोहन, एक तुम ही सहारा हो मेरा।
तुमने हर भक्त को है उबारा, जिसने जब भी लिया नाम तेरा॥
मेरी करुणा भी सुन लो बिहारी, हे जगत चलैया….
तार दो तार दो सांवरे पार, बनके खिवैया…
छोड दी है भरोसे तुम्हारे, अपने जीवन की नैया हे! गिरधर।
अब डुबा दो हमें या कि तारो, है रजा आपकी नाथ नटवर॥
तेरे चरणों में है शीष मेरा, हे धर्म के रखैया…
तार दो तार दो सांवरे पार, बनके खिवैया…
सतीश बंसल