दोहे -हिन्दी दिवस पर
हिंदी है रूपवती किन्तु, गरीब की कन्या है
शहर में घृणा पात्र, गाँव में प्यारी है |
*****
बाबुओं की दो माता, अंग्रेज़ी और हिन्दी
खुद की माँ अंग्रेजी, सौतेली है हिन्दी |
*****
पढना लिखना आसान, हिन्दी सीधी साधी
एक जैसा लिखो पढो, आंग्ल उलटी सीधी |
*****
यदि हिंदी हमारी माँ, तो उर्दू है मौसी
माँ मौसी को छोड़कर, क्यों पूजें विदेशी ?
*****
हिन्दी है उदार भाषा, स्वीकारता है सब
अंग्रेजी, उर्दू, पारसी, या हो भाषा अरब |
*****
हिन्दी को बनाओ सरल, मिटा दो सब अन्तर
नये शब्द जुड़ते रहे, विस्तार हो निरन्तर |
कालीपद ‘प्रसाद’
© सर्वाधिकार सुरक्षित