तुमको हर घडी…
तुमको हर घडी, यूं ढूढता हूं मैं..
जैसे जिन्दगी हो तुम मेरी
तुमको हर घडी, यूं ढूंढता हूं मैं..
जैसे बंदगी हो तुम मेरी…
बिना तेरे यारा मेरे, मुझको एक पल भी चैन आऐ ना।
देखूं ना तुझे यो एक पल भी, दिल मेरा चैन पाये ना॥
ऐसे लगता है मुझे, जैसे हर खुशी हो तुम मेरी….
यूं समा गये हो मेरे दिल में, जैसे ये धडकन।
छाने लगे हो जिन्दगी में, बन के तुम सरगम॥
ऐसा लगता है, अब सांस भी हो तुम मेरी….
मन मेरा कहता है, तुमको सजदे करूं।
रोज पूजूं तुम्हें, तुमको तुमपे जीऊं मरू॥
तुम ही जीवन हो, आस भी हो तुम मेरी…
तुमको हर घडी, यूं ढूंढता हूं मैं..
जैसे बंदगी हो तुम मेरी…
सतीश बंसल
वाह वाह !!
शुक्रिया विजय जी..