राजनीति

प्रधान मंत्री मोदी का वाराणसी दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ महीने के बाद शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंचे। (पिछले तीन दौरे अत्यधिक बारिश या अन्य कारणों से रद्द हो चुके थे) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र में वाराणसी में 45,000 करोड़ रुपये की राष्ट्रव्यापी समन्वित बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) की शुरुआत की। अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी को 527 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिससे बिजली के तारों को भूमिगत करने जैसे बिजली विकास के कई काम होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस योजना की शुरुआत वह वाराणसी से कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे अपने घरों में एलईडी बल्ब लगाकर कम बिजली बिल और ज्यादा रोशनी पाएं। उनकी सरकार 2022 तक देश के हर गांव-हर घर तक बिजली पहुंचाएगी। देश 2022 में 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। (एक और हशीन सपना!) उन्होंने कहा कि वाराणसी के लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हीं की वजह से वह आज सांसद और प्रधानमंत्री हैं।
पीएम मोदी ने सात और परियोजनाओं की भी शुरुआत की। इनमें वाराणसी में रिंग रोड का निर्माण, बाबतपुर हवाईअड्डे से शहर आने वाली सड़क का चौड़ीकरण और सुंदरीकरण भी शामिल हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों से वादा किया कि उनकी समस्या को वह देखेंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में राज्य के शिक्षा मित्रों की नियुक्ति को अवैध बताते हुए रद्द कर दिया था। “मुझे यह जानकर बेहद तकलीफ हुई है कि अदालती आदेश की वजह से एक शिक्षामित्र ने खुदकुशी कर ली है।” उन्होंने शिक्षामित्रों से ऐसे कदम नहीं उठाने की अपील की और कहा कि अदालत के आदेश की प्रतियां मिलने के बाद इस मसले का समाधान निकाला जाएगा।
पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश – मानव जाति को ज्ञान देने का काम किया इस शहर ने| ऊर्जा का नेतृत्व करेगा बनारस का शहर। बनारस में रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा। करीब 600 करोड़ रुपये लगेंगे। आप-पास के जिलों को भी जोड़ा जाएगा। 11,000 करोड़ रुपये इसमें लगेंगे। बनारस की सड़कों ठीक किया जाएगा। आईपीडीएस योजना की शुरुआत बनारस से की गई। देशभक्तों के सपनों का हिंदुस्तान बनाएंगे। सभी गांव, जंगल को 2022 तक 24 घंटे 365 दिन बिजली मिलेगी| 45,000 करोड़ रुपये लगाया जाएगा। बनारस में 572 करोड़ रुपये लगेंगे। बिजली पानी सड़क का इस इलाके में जाल बिछाया जाएगा। इस काम को पूर्वी उत्तर प्रदेश में किया जाएगा। घाटों पर एलईडी की व्यवस्था से लोग खुश है। इससे बिजली का बिल कम होगा। पीएम मोदी की लोगों से अपील एलईडी का प्रयोग करें…
गरीबी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार शिक्षा : उन्होंने एक कार्यक्रम में जरूरतमंद लोगों को रिक्शा और ई-रिक्शा वितरित किए। वाराणसी में रिक्शा चालकों को 501 पैडल और 101 ई-रिक्शे तथा सोलर लैंप वितरित (सभी रिक्शों के रंग भगवा है सभी रिक्शेवालों को भगवा गमछा भी भेंट में दिया गया| ताकि याद रहे!) इस मौके पर अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि सालों से हम सिर्फ ‘गरीबी हटाओ’ के नारे सुनते रहे। गरीबों की भलाई के बारे में दिन-रात बातें करना एक परंपरा-सी बन गई है, लेकिन गरीबों की जिंदगी में काफी कम बदलाव आए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक के सहारे गरीबों के जीवन में बदलाव आ सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि गरीबी से लड़ने का सबसे कारगर तरीका है अपनी संतानों को शिक्षित करना। कांग्रेस द्वारा 70 के दशक में दिए गए ‘गरीबी हटाओ’ नारे को हकीकत में नहीं बदल पाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरजते हुए दावा किया कि पिछले 50 सालों में जो काम नहीं हो पाया, उसे वह 50 महीने में पूरा करके दिखाएंगे। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को ललकारते हुए कहा कि जिन्होंने पिछले 40-50 साल में गरीबों के खाते तक नहीं खोले और उनकी अहमियत नहीं समझी, वो उनसे हिसाब मांग रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निचले स्तर की सरकारी नौकरियों में इंटरव्यू समाप्त करने को बुराइयों को साफ करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताते हुए शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कई विभाग इस दिशा में पहल कर रहे हैं और रेलवे ने तो घोषणा भी कर दी है कि एक स्तर की नौकरी के लिए अब इंटरव्यू नहीं होगा। (अच्छी पहल) इसकी घोषणा वे १५ अगस्त को लाल किले की प्राचीर से कर चुके थे. भ्रष्टाचार को समाप्त करने की पहल|
आखिरकार पीएम मोदी के हाथों से वाराणसी में BHU स्थित ट्रॉमा सेंटर का उद्धाटन हो गया। 197 करोड़ की लागत से बने इस ट्रॉमा सेंटर के मोदी से उद्धाटन के लिए चार बार कार्यक्रम तय हुआ, लेकिन कभी बारिश तो कभी अधूरी तैयारियों की वजह से हर बार उद्धाटन टलता गया। वाराणसी में बना यह ट्रॉमा सेंटर यूपी, बिहार सहित पूर्वांचल के लिए बेशकीमती तोहफा है। आइए जानते हैं 334 बेड और 14 हाइटेक माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर वाले ट्रॉमा सेंटर की क्या है खासियत- ट्रॉमा सेंटर में देश-विदेश में मंगवाई गईं कई अत्याटधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। इसके अलावा मरीजों के बेहतर इलाज के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर तैनात किए गए हैं। ट्रॉमा सेंटर की पूरी बिल्डिंग एयरकंडीशन है। यहां 50 बेड का स्पेशल आईसीयू बनाया गया है। इसके अलावा तीन बेड पर दो नर्स और आईसीयू में एक बेड पर एक नर्स की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा यहां कई मोबाइल एंबुलेंस को तैनात किया गया है।
इससे पहले चार बाद ट्रॉमा सेंटर के उद्घाटन के लिए मोदी का कार्यक्रम तैयार किया गया, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से टलता गया। पिछली बार 16 जुलाई को वाराणसी आकर ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन एक दिन पहले कार्यक्रम स्थल पर करंट लगने से मजदूर की मौत होने के बाद मोदी ने दौरा रद्द कर दिया।
इससे पहले 28 जून 2015 को भारी बारिश के कारण मोदी का उद्घाटन कार्यक्रम कैंसल हो गया था। 25 दिसंबर 2014 को महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती पर भी ट्रॉमा सेंटर के उद्घाटन का प्रस्ताव था। मोदी वाराणसी पहुंचे, लेकिन जरूरी तैयारी नहीं होने की वजह से ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन नहीं कर सके। इससे पहले 14 अक्टूबर 2014 को उन्हें इसका उद्घाटन करना था, लेकिन साइक्लोन हुदहुद की वजह से उनका प्रोग्राम कैंसल हो गया था। इस सन्दर्भ में मेरा कहना यही है की आज हर योजना या कार्यक्रम का शुभारम्भ मोदी जी के ही हाथों होना है, चाहे वह सफाई अभियान हो या जन-धन योजना, गरीबों को रिक्शा देना हो या उनका बीमा कराना. बेटी बचाओ अभियान हो या मेक इन इण्डिया स्किल इण्डिया वगैरह वगैरह. चुनावी रैलियों में उनका मुकाबला भला कौन कर सकता है. गैस सब्सिडी छोड़ने का उनका निवेदन भी काबिले तारीफ़ है.
इधर अमेरिकी सर्वेक्षण एजेंसी प्यू (पीईडब्ल्यू) के सर्वे के मुताबिक, पिछले साल भारत में बीजेपी नीत सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता रेटिंग में तेजी से इजाफा हुआ है। प्यू ने छह अप्रैल से 19 मई, 2015 तक भारत में 2452 लोगों के बीच कराए गए अपने सर्वेक्षण के नतीजों में कहा कि मोदी ने अपनी नीतियों और शासन से न केवल देश में भारतीयों का गौरव बढ़ाया है, बल्कि उनकी लोकप्रियता की रेटिंग उछलकर 87 फीसदी हो गई है और परंपरागत कांग्रेसी आधार वाले स्थानों से भी उन्हें समर्थन मिल रहा है। लोकप्रियता के साथ थोड़ा अविश्वास भी कायम: गुजरात में आरक्षण के मुद्दे को लेकर शुरू हुए आंदोलन के चलते पिछले महीने भड़की हिंसा से पहले कराए गए सर्वेक्षण में कहा गया, ‘लेकिन अविश्वास बना हुआ है। शायद इसलिए क्योंकि बीजेपी के शासनकाल में 2015 के पहले पांच महीने में साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं में 2014 की इसी अवधि की तुलना में करीब एक चौथाई का इजाफा हुआ है। 2014 में उस समय कांग्रेस नीत सरकार थी।’ घरेलू मुद्दों में मोदी को सबसे कम स्वीकृति साम्प्रदायिक संबंधों यानी बहुसंख्यक हिंदुओं और अल्पसंख्यक मुस्लिमों, जैनों, सिखों और ईसाइयों आदि के बीच दिन प्रतिदिन के संवाद तथा देश में अनेक जातियों के बीच रिश्तों पर उनके प्रबंधन को लेकर मिली है। प्यू ने एक बयान में कहा कि हालांकि मोदी ने भारत की परंपरागत दलीय राजनीति को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी को देश के सामने मौजूद अधिकतर चुनौतियों पर बीजेपी के समर्थकों के साथ साथ विपक्षी कांग्रेसी के समर्थकों से भी समर्थन मिल रहा है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, मोदी और बीजेपी को ग्रामीण इलाकों में और कांग्रेस के परंपरागत मजबूत गढ़ों में बड़ा समर्थन मिल रहा है। बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थकों ने आतंकवाद तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री के प्रयासों को सही माना है। इनकी संख्या 56-56 प्रतिशत रही। खुद को कांग्रेस का समर्थक बताने वाले 10 में से करीब छह लोगों ने शौचालयों, बेरोजगारी, गरीबों की मदद और महंगाई से निपटने के मोदी के तरीके को मंजूर किया है। प्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सर्वेक्षण के विषय में केवल सांप्रदायिक तनाव वह विषय रहा, जिस पर कांग्रेस के आधे से भी कम समर्थकों (47 प्रतिशत) ने मोदी के प्रयासों को सही दिशा में माना।’
हम सबकी शुभकामनाएं प्रधान मंत्री के साथ है, ताकि देशवासी खुशहाल हों भारत का नाम देश विदेश में उज्जवल हो. बिहार में भी मोदी जी नीत एन डी ए की सरकार बननेवाली है, ऐसा कुछ चैनेल दावा कर रहे हैं. अब बिहार का काया-कल्प होने से कोई नहीं रोक सकता. झाड़खंड का विकास तो हो ही रहा है.
– जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर