मुक्तक/दोहा

मुक्तक

झूठ की गर्दन कट जाये शब्दों का ऐसा वार लिखें

तलवार से भी तेज चले हम कलम की ऐसी धार लिखें

मतलब,लालच उनके दिल में जो भी सत्ता के भूखे है

सच की जीत में जीत लिखें हम,हार गए तो हार लिखें

वैभव दुबे "विशेष"

मैं वैभव दुबे 'विशेष' कवितायेँ व कहानी लिखता हूँ मैं बी.एच.ई.एल. झाँसी में कार्यरत हूँ मैं झाँसी, बबीना में अनेक संगोष्ठी व सम्मेलन में अपना काव्य पाठ करता रहता हूँ।