शिशुगीत – ९
१. अखबार
सुबह-सुबह आता अखबार
सबके मन भाता अखबार
दुनियाभर की खबर बताता
दिल भी बहलाता अखबार
२. डोरबेल
जैसे ही कोई आए
इसका स्विच दबाता है
टिंग-टॉंग कर ये हमको
दरवाजे तक लाता है
३. परदा
दरवाजे सा इसका काम
लटका रहता सुबहो-शाम
रंग-बिरंगा या सादा
घर-घर में दिखता ये आम
४. काँच
खिड़की-दरवाजे में फिट
अलग-अलग रंगों में हिट
लिखो चॉक से इसपर जो
पानी से झट जाता मिट
५. कुशन
सोफेपर रखते इसको
उछल-कूद हम करते हैं
बहुत मुलायम होता ये
नहीं चोट से डरते हैं
सुंदर