मां मुझे फिर फिर गोद में अपनी सुला लो…
मां मुझे फिर फिर गोद में अपनी सुला लो
प्यार से सर हाथ फेरो और बला लो।
डर मुझे लगने लगा है इस जहां से
कह के लल्ला अपनें आंचल में छुपा लो॥
तेरा वो झीना सा आंचल, बनके मेरी ढाल मां।
टालता था हर बला को, दूर वो हर हाल मां॥
फिर परेशानी नें घेरा है बचा लो…
कह के लल्ला अपनें आंचल में छुपा लो…
मेरी गलती हर शरारत को छुपाकर।
तुमने रखा सबकी नजरों से बचाकर॥
फिर जमाना पीछे है, मुझको सम्हालो…
कह के लल्ला अपनें आंचल में छुपा लो..
ठोकरें खा कर गिरा, जब भी धरा पर।
हौसला मुझको दिया, तुमने उठाकर॥
फिर मुसीबत के भंवर में हूं निकालो..
कह के लल्ला अपनें आंचल में छुपा लो…
मैं तेरा चंदा, तेरी आंखों का तारा।
ढूढता हूं मां मेरा, बचपन वो प्यारा॥
आके बस एक बार सीने से लगा लो…
कह के लल्ला अपनें आंचल में छुपा लो…
सतीश बंसल