गीत/नवगीत

मेरे वादे मुझे याद हैं हमसफर…

मेरे वादे मुझे याद हैं हमसफर, तेरे वादे तुझे याद हों कि ना हो।
तुमको दिल में बसाया है दिल की तरहा, हम तेरे दिल में आबाद हो कि ना हो॥
मेरे वादे मुझे याद हैं हमसफर….

आज भी मेरे सपनों की ताबीर तुम
जिन्दगी के ख्यालों की तस्वीर तुम
चाहता हूं तुम्हे जिन्दगी की तरहा, तुमको मुझसे भले प्यार हो कि ना हो…
मेरे वादे मुझे याद हैं हमसफर….

देखते ही तुम्हें मुस्कुराता है दिल
जाने किस मौज में डूब जाता है दिल
गुमशनों सी महकतीं है सांसें मेरी, तेरी सांसों को अहसास हो कि ना हो….
मेरे वादे मुझे याद हैं हमसफर….

तुम खुदा तो नही कुछ मगर कम नहीं
तुम नही जिन्दगी में तो फिर हम नहीं
नाम लेकर तेरा होती है हर सुबहा, तेरे लब पे मेरा नाम हो कि ना हो…..
मेरे वादे मुझे याद हैं हमसफर….

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.