गाँधी को करूं मैं प्रणाम ,
गाँधी को करूं मैं प्रणाम
गाँधी को करूं मैं प्रणाम ,
गाँधी में था हिन्दुस्तान ,
पाना आजादी था काम ,
सत्य – अहिंसा था नाम .
गाँधी को …………………
आधा नंगा आधा ढका ,
हाड़ -मांस का दुबला – पतला ,
जीवन भर कभी न थका
दलित – दीन खातिर सम्मान .
गाँधी को …………………
स्वच्छ देश का था अभियान ,
सामूहिक जीवन की जान ,
रघुपति राघव राजा राम ,
था उनका नित्य प्यारा गान।
गाँधी को …………………
अपनाके सादगी – सरलता ,
जन – मन को निज गले लगा ,
‘मंजु’ चरखे को चला – चला ,
दिया स्वाबलंबन पैगाम .
गाँधी को …………………
नमन