मित्र
मित्र लगता नाव की पतवार जैसा |
डूबने दे जो ,वो मित्र भला कैसा ||
देता वह मुसीबत में अच्छी सलाह |
भटका दे राह , वो मित्र भला कैसा ||
मौसम सावन का आया है सुहाना |
झूले न साथ , वो मित्र भला कैसा ||
रहते साथ , लेते मन की बात बाँट |
दगा दे जाय , वो मित्र भला कैसा ||
बुढापे में बन आये बैशाखी बनकर |
गिरने दे जो , वो मित्र भला कैसा ||
“दिनेश”