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जुमले , जनता और जनतंत्र

जुमले , जनता और जनतंत्र

शैतान
ब्रह्मपिशाच
आरक्षण
जातिवाद
चारा चोर
नर भक्षी
डी एन ए
जैसे
जुमलों के बीच
आम आदमी
विकास
गरीबी
मँहगाई
भृष्टाचार
जैसे सामायिक मुद्दे
अचानक परिदृश्य से गायब से हो गए
अब आज चुनाव के प्रथम चरण में
बिहार की जनता को
निर्णय करना है
कि वे किसके साथ हैं
और कौन उनकी
अपेक्षायें पूरी कर सकता है।

मदन मोहन सक्सेना

*मदन मोहन सक्सेना

जीबन परिचय : नाम: मदन मोहन सक्सेना पिता का नाम: श्री अम्बिका प्रसाद सक्सेना जन्म स्थान: शाहजहांपुर .उत्तर प्रदेश। शिक्षा: बिज्ञान स्नातक . उपाधि सिविल अभियांत्रिकी . बर्तमान पद: सरकारी अधिकारी केंद्र सरकार। देश की प्रमुख और बिभाग की बिभिन्न पत्रिकाओं में मेरी ग़ज़ल,गीत लेख प्रकाशित होते रहें हैं।बर्तमान में मैं केंद्र सरकार में एक सरकारी अधिकारी हूँ प्रकाशित पुस्तक: १. शब्द सम्बाद २. कबिता अनबरत १ ३. काब्य गाथा प्रकाशधीन पुस्तक: मेरी प्रचलित गज़लें मेरी ब्लॉग की सूचि निम्न्बत है: http://madan-saxena.blogspot.in/ http://mmsaxena.blogspot.in/ http://madanmohansaxena.blogspot.in/ http://www.hindisahitya.org/category/poet-madan-mohan-saxena/ http://madansbarc.jagranjunction.com/wp-admin/?c=1 http://www.catchmypost.com/Manage-my-own-blog.html मेरा इ मेल पता: [email protected] ,[email protected]

2 thoughts on “जुमले , जनता और जनतंत्र

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सच

  • विजय कुमार सिंघल

    यही आज की राजनीति की बिडम्बना है !

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