चलो घोटाला करें…
कुछ तुम घोटाला करो, कुछ हम घोटाला करें।
आओ सब मिलकर, लोकतंत्र का मुंह काला करे॥
छोडो जमीर और नैतिकता के फालतू लफ्जों को।
मौका मिला है, चलो भुनाएं खूब गडबड झाला करे॥
ये जल जंगल जमीन आसमान आखिर हमारे ही तो हैं।
चलो बेच डालें सब, अपनी ना मिटने वाली भूख का निवाला करें॥
छोडो भी काले और सफेद धन की परिभाषा।
धन तो धन है जैसे भी आए आने दो, चलो हर रोज हवाला करे॥
इस प्रजाति में चुनिन्दा लोगों का वरण होता है।
जिसका नारा है, चलो घोटाला करें चलो घोटाला करे॥
सतीश बंसल