खुशियां होठो पर मुस्काएं…
खुशियां होठो पर मुस्काएं, मन अनंत उदगारित हो।
हर अभिलाषा पूरित हो, और कर्म समय से कारित हो।
धन वैभव की स्वर्ण कांति से, जीवन आलोकित हो
और शोर्यगाथा का परचम इस जग को स्वीकारित हो॥
आदर और सम्मान मिले, मर्यादा रक्षा का प्रण हो
हर पल सांस घडी जीवन भर, गौरवगाथा हर क्षण हो।
आसमान से ऊंचा कद हो जीवन के आदर्शों का
सत्यसार कायम रखने को, चाहे जीवन अर्पण हो॥
पंचतत्ववका मान रखें, जीवन मूल्यों पर विकल रहे
सच्चाई की चमक से, दीप्यमान ये मस्तक पटल रहे।
ईर्ष्या द्वेष कपट से , मुक्त रहे जीवन का हर लम्हा
जीवन सार रहे हर पल, पग सत के पथ पर अटल रहे॥
हो आलोक सकल जग में, हर मन दीपक उजियारा हो
बन कर दीप जले हम सब, और दूर सकल अंधियारा हो
संस्कृति परवान चढे, ओर कर्मयोग अवतरण रहे
ज्ञान पुंज फैले सर्वस, चहुं ओर प्रेम की धारा हो।
सतीश बंसल