हाइकु
सुख – दुःख के हाइकु प्रेषित कर रही हूँ .
१
सुख – दुःख की
सुइयों से चलती
जीवन घड़ी .
२
अटूट डोर
से बंधा सुख – दुःख
जीवन संग .
३
भव – यात्रा में
सुख – दुःख ताउम्र
संग चलते .
४
कर्म रेखा से
खींचे सुख – दुःख की
जीवन झाँकी.
५
गीत – काव्य में
ढले मन की गाथा
सुख – दुःख में .
६
सुख के बाद
दुःख का सिन्धु बहे
अश्क धारों में .
७
सुख – दुःख को
जो गले लगाए वो
समता पाता .
८
दिन – रात – सा
सुख – दुःख का क्रम
चले जीने में .
9
सुख – दुःख की
झड़ी कब बरसे
कोइ न जाने .
१०
जीवन नदी
सुख – दुःख धारा में
थपड़े खाती .
११
चले साथ में
सुख – दुःख भव में
हम ‘ औ ‘ तुम .
१२
सुख – दुःख हैं
जीवन सिक्के के दो
रूप अनोखे .
१३
जीवन नदी
में सुख – दुःख धारा
बहे ताउम्र .
— मंजु गुप्ता
प्रयास अच्छा है