सेंटा क्लॉज है लगता प्यारा
इंतज़ार हर साल तुम्हारा,
सेंटा क्लॉज है लगता प्यारा।
सुन्दर लाल चमकता चोंगा,
श्वेत वर्फ़ सी प्यारी दाढ़ी।
उपहारों की गठरी कंधे पर,
रेंडियर खींच रहा है गाड़ी।
बच्चों को करता वो प्यार है,
इंतज़ार क्रिशमस का रहता।
खुश होते बच्चे मिलकर के,
इंतज़ार गिफ्ट्स का रहता।
आओ हम सब ख़ुशी मनायें,
क्रिशमस का त्यौहार मनायें।
धर्म जाति का भेद भुला कर,
मिलजुल कर त्यौहार मनायें।
…..कैलाश शर्मा
शर्मा जी ,बाल कविता अच्छी लगी . हम सिख हैं लेकिन हर साल क्रिसमस धूम धाम से मनाते हैं .