प्यास अधरों की बुझा कर जाइये…….
प्यास अधरों की बुझा कर जाइये
एक शमां दिल में जला कर जाइये ||
लूटते हो क्यों निगाहों से मुझे
बात दिल की बता कर जाइये ||
पास आओ तुम मेरे इतने कभी
खूबसूरत सी खता कर जाइये ||
और कितनी राह देखे हम भला
आज महफ़िल को जवां कर जाइये ||
हूँ मुसीबत में खुदा से तुम भला
एक अदद सी ही दुआ कर जाइये ||
— दिनेश दवे