ख्वाब
ख्वाब कहीं जब यूंही बिखर जाएं !
अरमानों को दिल फिर भी सजाए !
वहीं रहे मन यहाँ चाहे हम जाएं !
कभी हम ख्वाबों को हकीकत बनाएं !
कहीं बस यह पलको में रह जाएं !
सुन ऐ धड़कन गीत कोई गुनगुनाएं !
हर सूरत में खुद में विशवास जगाएं!
नैया अपनी चाहे मंझधार में रह जाए !
दिल से कहीं ना हम कभी हार पाएं !!!
कामनी गुप्ता ***