कविता

ख्वाब

ख्वाब कहीं जब यूंही बिखर जाएं !
अरमानों को दिल फिर भी सजाए !
वहीं रहे मन यहाँ चाहे हम जाएं !
कभी हम ख्वाबों को हकीकत बनाएं !
कहीं बस यह पलको में रह जाएं !
सुन ऐ धड़कन गीत कोई गुनगुनाएं !
हर सूरत में खुद में विशवास जगाएं!
नैया अपनी चाहे मंझधार में रह जाए !
दिल से कहीं ना हम कभी हार पाएं !!!
कामनी गुप्ता ***

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |