कर्तव्य-संगिनी
“यह साहब तक पहुंचा देना देना” कर्नल की पत्नी ने सेना डाक सेवा के संदेशवाहक से कहा|
“इस डिब्बे में क्या है? लड़ाई शुरू होने वाली है तो शायद कुछ शगुन या कुछ मीठा….” संदेशवाहक ने हँसते हुए पूछा|
“इस डिब्बे में मैनें अपना मंगलसूत्र, चूड़ियाँ और सिन्दूर की डिब्बी रखी है और खत में लिख दिया है इन्हें अपने पास ही रखें, इन चीज़ों की चिंता में फ़र्ज़ से परे न हटें|”
संदेशवाहक ने उस डिब्बे को अपनी आँखों पर रख लिया और खत को धार्मिक पुस्तकों के साथ|
— चंद्रेश कुमार छतलानी
काश हम समझ पायें कि हमारे जवानों की पत्नीओं की कितनी कुरबानिया होती हैं .