लघुकथा

कर्तव्य-संगिनी

“यह साहब तक पहुंचा देना देना” कर्नल की पत्नी ने सेना डाक सेवा के संदेशवाहक से कहा|

“इस डिब्बे में क्या है? लड़ाई शुरू होने वाली है तो शायद कुछ शगुन या कुछ मीठा….” संदेशवाहक ने हँसते हुए पूछा|

“इस डिब्बे में मैनें अपना मंगलसूत्र, चूड़ियाँ और सिन्दूर की डिब्बी रखी है और खत में लिख दिया है इन्हें अपने पास ही रखें, इन चीज़ों की चिंता में फ़र्ज़ से परे न हटें|”

संदेशवाहक ने उस डिब्बे को अपनी आँखों पर रख लिया और खत को धार्मिक पुस्तकों के साथ|

— चंद्रेश कुमार छतलानी

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

नाम: डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी शिक्षा: विद्या वाचस्पति (Ph.D.) सम्प्रति: सहायक आचार्य (कम्प्यूटर विज्ञान) साहित्यिक लेखन विधा: लघुकथा, कविता, बाल कथा, कहानी सर्वाधिक अकादमिक प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु रिकॉर्ड अंग्रेज़ी लघुकथाओं की पुस्तक रिकॉर्ड हेतु चयनित 12 पुस्तकें प्रकाशित, 8 संपादित पुस्तकें 32+ शोध पत्र प्रकाशित 40+ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त फ़ोन: 9928544749 ईमेल: chandresh.chhatlani@gmail.com डाक का पता: 3 प 46, प्रभात नगर, सेक्टर-5, हिरण मगरी, उदयपुर (राजस्थान) – 313 002 यू आर एल: https://sites.google.com/view/chandresh-c/about ब्लॉग: http://laghukathaduniya.blogspot.in/

One thought on “कर्तव्य-संगिनी

  • काश हम समझ पायें कि हमारे जवानों की पत्नीओं की कितनी कुरबानिया होती हैं .

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