इंसान ……
माँ के आँचल से दूध पी इंसान हुआ बड़ा
खुद को समझता आज दुनिया से भी बड़ा
अहम अहंकार गुरुर समा जाते जब अंदर
फिर समझता खुद को औकात से भी बड़ा
पसीने की मेहनत की कमाई से पढ़ाते तुझे
एक दिन खुद को समझता बाप से भी बड़ा
पाता लाड़ प्यार दुलार सब अपनों के बीच
अपनों से ही खुद को समझता फिर बड़ा
सुनामी बाढ़ अकाल से पाना है छुटकारा
छोड़ अब तो समझना भगवान से भी बड़ा
— दिनेश