एक औरत
“काजल लगाने के बाद तुम्हारी आँखें कितनी सुंदर हो जाती हैं?”
“जी, मेरे बॉस भी यही कहते हैं|”
“अच्छा, तुम्हारे कपड़ों का चयन भी बहुत अच्छा है, तुम पर एकदम फिट!”
“बॉस को भी यही लगता है”
“ओह, तुम चेहरे पर जो मेकअप करती हो, उससे तुम्हारा रंग कितना खिल उठता है|”
“बॉस भी बिलकुल यही शब्द कहते हैं…”
“उफ़…. तुम्हारा पति मैं हूँ या बॉस?”
“आपकी नज़रें पति जैसी नहीं, बॉस जैसी हैं, वर्ना इन सबके पीछे एक औरत भी है|”
— चंद्रेश कुमार छतलानी