बाल कविता
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
आओ चुग लो दाना पानी
जी भरके तुम खाओ सब
भरी कटोरी रखी नानी
देश-देश में तुम जाती हो
नये-नये किस्से लाती हो
किसी रोज फुरसत में आकर
हमे सुनाओ सभी कहानी
दिनभर उड़ती रहती हो
कभी नहीं तुम थकती हो
कैसे करती हो यह सब
पड़ेगी इक दिन हमें बतानी
— कवि संयम