कविता

हिंदी हमारी मातृभाषा

हिंदी हमारी मातृभाषा है, और यह है राष्ट्र की भाषा
हिंदी भाषा के ग्रंथो में निहित सब धर्मो की परिभाषा
तुलसी, सूर, कबीर निराला, महा कवियों की है वाणी
हिंदी भाषा पढ़ ज्ञानी बन गए, कितने अनपढ़ अज्ञानी
हिंदी भाषा है मान हमारा, हिंदी भाषा से शान हमारी
हिंदी का गुणगान जहाँ पर, वहां महिमा ज्ञान की सारी

वैसे मेरे भारत में कई प्रान्त है, और यहाँ कई भाषाए
कहीं पंजाबी कहीं बंगाली, कहीं और तमिल बोली जाये
पर सबका स्रोत्र एक ही संस्कृत, सब में एक समानता
हिंदी इन सबकी अग्रणी भाषा, देश को एक सूत्र में बांधा
आओ हम मिल हिंदी बोलें, हिंदी में अपना ज्ञान बढ़ाएं
हिंदी का कर अध्ययन, विश्व में अपने देश का नाम कमाएं.

—- जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845

3 thoughts on “हिंदी हमारी मातृभाषा

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी कविता !

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    सही बात , भले ही अपने अपने प्रांत की अपनी भाषाएँ हैं लेकिन हिंदी राष्ट्र भाषा समझ कर हर किसी को आणि चाहिए ,तभी भारत महान बनेगा .

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    सही बात , भले ही अपने अपने प्रांत की अपनी भाषाएँ हैं लेकिन हिंदी राष्ट्र भाषा समझ कर हर किसी को आणि चाहिए ,तभी भारत महान बनेगा .

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