कवितापद्य साहित्य

कर्मनाशा नदी

कर्मनाशा नदी —-
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मेरे गाँव के बगल से गूजरी,
कर्मनाशा नदी—-
जब मुझे ख्याल आया,
एक नदी है समझ पाया ।

मैं पहली बार,
अपने गाँव के स्कूल से,
पाँच पास करके,
पार करने लगा,
नदी को बार-बार।

देखा ऊँची-ऊँची नदी का अरार।
था दोनों तरफ आर-पार।
कल-कल की ध्वनि करती हुई,
लहर आगे की तरफ बढती हुई।

नाव जब–
लहर के थपेड़ो को सहती हुई,
लोगों के भार से पानी में धसती हुई।
अग्रसर अपने ठांव —–
लहरो को दो भागो में बाटती हुई।

नाविक जब–
नाव को किनारो से दूर ले जाता।
नाविक से मिलने के लिए दूसरा किनारा।
बेसब्री से इन्तजार करता ।
यही बार-बार मिलन बिछुड़न हुआ करता ।

इस पार से उस पार ,
लोग आवश्यकतानुसार,
आया -जाया करते थे।

नदी के सूखे भाग पर ,
रेत के ढेर पर ,
कंकड़ के बीच में,
चमकते हुए सफेद-
घोघी और सूतुही।
बिखरे हुए मोती के समान,
आभा लिए दिखाई देता।

जब मैं पुछा —
उस बुढे बैठे नाविक से,
नदी निकली है किधर से ,
गई है किधर को,
शायद उस नाविक का मौन रहना ।
मेरे लिए उत्तर मिलना।
उसे भी पता नहीं था ओर छोर।

मगर उस नाविक का क्या होता ?
हर लोगों को अपनी तरफ क्यों खिचता है ?
रात के आखिरी समय में,
पानी की पटरियों पर,
नाविक की गाड़ी चढती है।
अपनी गहरी नींद में ही,
मनुष्य हिलने लगता है।

मछलियाँ अपनी भाषा में,
क्या कहती हैं नाव को ?
रेत पर रेंगते हुए,
केकड़े कछुए क्या सोचते हैं ?
किनारों पर।

मैं जानता हूँ —
गाँव वालों के लिए,
कितनी पुरानी नदी है।
जो दक्षिण से निकलीं हुई,
हर आदमी के बचपन के,
बहुत पहले से बह रही है।
गाँव के पास में।
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@रमेश कुमार सिंह /२०-०९-२०१५

रमेश कुमार सिंह 'रुद्र'

जीवन वृत्त-: रमेश कुमार सिंह "रुद्र"  ✏पिता- श्री ज्ञानी सिंह, माता - श्रीमती सुघरा देवी।     पत्नि- पूनम देवी, पुत्र-पलक यादव एवं ईशान सिंह ✏वंश- यदुवंशी ✏जन्मतिथि- फरवरी 1985 ✏मुख्य पेशा - माध्यमिक शिक्षक ( हाईस्कूल बिहार सरकार वर्तमान में कार्यरत सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरैया चेनारी सासाराम रोहतास-821108) ✏शिक्षा- एम. ए. अर्थशास्त्र एवं हिन्दी, बी. एड. ✏ साहित्य सेवा- साहित्य लेखन के लिए प्रेरित करना।      सह सम्पादक "साहित्य धरोहर" अवध मगध साहित्य मंच (हिन्दी) राष्ट्रीय सचिव - राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन मध्यप्रदेश,      प्रदेश प्रभारी(बिहार) - साहित्य सरोज पत्रिका एवं भारत भर के विभिन्न पत्रिकाओं, साहित्यक संस्थाओं में सदस्यता प्राप्त। प्रधानमंत्री - बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन इकाई सासाराम रोहतास ✏समाज सेवा - अध्यक्ष, शिक्षक न्याय मोर्चा संघ इकाई प्रखंड चेनारी जिला रोहतास सासाराम बिहार ✏गृहपता- ग्राम-कान्हपुर,पोस्ट- कर्मनाशा, थाना -दुर्गावती,जनपद-कैमूर पिन कोड-821105 ✏राज्य- बिहार ✏मोबाइल - 9572289410 /9955999098 ✏ मेल आई- [email protected]                  [email protected] ✏लेखन मुख्य विधा- छन्दमुक्त एवं छन्दमय काव्य,नई कविता, हाइकु, गद्य लेखन। ✏प्रकाशित रचनाएँ- देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में एवं  साझा संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित। लगभग 600 रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं तथा 50 साझा संग्रहों एवं तमाम साहित्यिक वेब पर रचनाये प्रकाशित। ✏साहित्य में पहला कदम- वैसे 2002 से ही, पूर्णरूप से दिसम्बर 2014 से। ✏ प्राप्त सम्मान विवरण -: भारत के विभिन्न साहित्यिक / सामाजिक संस्थाओं से  125 सम्मान/पुरस्कार प्राप्त। ✏ रूचि -- पढाने केसाथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।कविता,कहानी,हिन्दी गद्य लेखन इत्यादि। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आदरणीय मित्र मेरे अन्य वेबसाईट एवं लिंक--- www.rameshpoonam.wordpress.com http://yadgarpal.blogspot.in http://akankshaye.blogspot.in http://gadypadysangam.blogspot.in http://shabdanagari.in/Website/nawaunkur/Index https://jayvijay.co/author/rameshkumarsing ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आपका सुझाव ,सलाह मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~