प्रेम राह के वादे कान्हा
जैसे कान्हा भूल न पाये राधा की उन यादों को।
प्रियतम याद हमेशा रखना प्रेम राह के वादों को!
मेरा हाल हुआ राधा सा लेकिन तुम कान्हा ठहरे।
मेरे हर इक अश्क से प्रियतम घाव मिले तुमको घहरे।
आकर गले लगा लो मुझको, दूर करो अवसादों को।
प्रियतम याद हमेशा रखना प्रेम राह के वादों को।
सपने लाख दिखाये तुमने, आज नजर भी प्यासी है।
तेरी बाँहे स्वर्ग बनी, चरणों में मथुरा, कासी है।
अपना दरस करा दो प्रियतम पूर्ण करो फरियादों को।
प्रियतम याद हमेशा रखना प्रेम राह के वादों को!
प्रेम डोर ये टूट न जाये, ऐसा रास रचाओ तुम।
मीरा समझो या राधा पर,मुझको धीर धराओ तुम।
रखो सलामत प्रियतम आकर आसा की बुनियादो को।
प्रियतम याद हमेशा रखना प्रेम राह के वादो को।
भूल गये जिस गोकुल को तुम, तुमको याद दिलाऊगीं!
कल्पित है किस्मत में मेरी जीवन इसे बनाऊगीं!
मुझे मनाने वाले क्यों तुम भूल गये संवादो को।
प्रियतम याद हमेशा रखना, प्रेम राह के वादो को।
क्रमशः
अनुपमा दीक्षित मयंक