दिल को अपने से लगते हो…
दिल को अपने से लगते हो, जाने क्यूं विश्वास है तुम पर।
हर धडकन में नाम तुम्हारा, दिल को भरोसा ख़ास है तुम पर॥
मंदिर का दीपक लगते हो, पूजा की श्रृद्धा लगते हो।
क्या तुमको बतलाऊ दिल की, इस दिल को क्या क्या लगते हो॥
बाद ईश के इस दुनिया में, बस मुझको विश्वास है तुम पर….
हर धडकन में नाम तुम्हारा, दिल को भरोसा ख़ास है तुम पर….
तुम मेरी मुस्काती सुबह, तुम सिन्दूरी शाम की शाम सरगम।
पाकर तुमको साथ सफर में, राह के पत्थर लगते हैं कम॥
चुन लोगे पथ का हर कांटा, आंख मूंद विश्वास है तुम पर…
हर धडकन में नाम तुम्हारा, दिल को भरोसा ख़ास है तुम पर……
अहसासों की डोर से बढकर, और भला क्या बंधन प्यारा।
उसने सारी दुनिया जीती, प्रीत में जिसने सब कुछ वारा॥
जितना मुरली पर राधा को, उतना ही विश्वास है तुम पर….
हर धडकन में नाम तुम्हारा, दिल को भरोसा ख़ास है तुम पर…..
सतीश बंसल