कविता

बिस्तर ताले में बन्द हो गया

छोटा बेटा था मैं
हाँ सबसे छोटा
जिसके बालों की चाँदी को अनदेखा करके
किसी ने बच्चा बनाए रखा था
जिससे लाड़ था
प्यार था
दुलार था
कि आदत जिसकी
हो गई खराब थी
कि अचानक
अनचाही एक सुबह
यूँ करके उठी
कि मायने हर बात के बदल गए
कि वो बच्चा आदमी सा बन गया
कि बिस्तर भी उसका सोने का बदल गया
क्योंकि बिस्तर जिस पर
माँ सोती थी
किसी ताले में बन्द हो गया।

© राजीव उपाध्याय

राजीव उपाध्याय

नाम: राजीव उपाध्याय जन्म: 29 जून 1985 जन्म स्थान: बाराबाँध, बलिया, उत्तर प्रदेश पिता: श्री प्रभुनाथ उपाध्याय माता: स्व. मैनावती देवी शिक्षा: एम बी ए, पी एच डी (अध्ययनरत) लेखन: साहित्य एवं अर्थशास्त्र संपर्कसूत्र: rajeevupadhyay@live.in