दोहा
प्रथम नमन् गणपति करूँ , रिद्धि सिद्धि के साथ /
दूजा नवग्रह को करूँ —- रहें दाहिने हाथ /
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माँ शारद माइया तुझे – कोटि -कोटि प्रणाम /
ज्ञान दायनी माँ करो, जिहवा पर विश्राम/
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शब्द -शब्द मोती बने , उर मे करो निवास/
भक्त यही चाहत करे , शब्द कोष ले आस /
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गणना रचना जब करूँ, यति मापनी विधान/
शब्द शब्द रस गुथ उठे , अलंकार गति मान /
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शब्द-शब्द मोती बने , कंचन सा मम देश/
प्रेम भाव दिखता रहे , स्वागत मन परदेश/
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प्रेम भाव गणना करूं- साधक बन दिन रात/
माँ की ममता नित दिखे – मगन शाम अरू प्रात
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राजकिशोर मिश्र ‘राज’
सर्वाधिकार सुरक्षित
Nice One
आदरणीय जी स्नेहिल आत्मीय हौसला अफजाई के लिए कोटिश आभार एवम् नमन्
सुंदर
आदरणीया बहन जी आपके प्रथम स्नेहिल आत्मीय हौसला अफजाई के लिए कोटिश आभार एवम् नमन्