इंसा रहे या न रहे !
गुरूर मत कर उन चीजों का
जो तेरे पास हैं
फक्र कर उन के लिए
जो तूने बाँट दी ….
नफरत बताने से नहीं
मोहब्बत लुटाने से
मिटती है |
ख़ुशी को किसी माध्यम
से बयां नहीं किया
जा सकता
ये तो वो आवो हवा है
जो स्वतः झलकती है
भावनाओं को शब्दों की
परिपाटी में बांधा नहीं
जा सकता
इन्हें सिर्फ मन के
गलियारों से महसूस
किया जा सकता है
प्यार के दो मीठे बोल
कल भी थे,
आज भी हैं और
कल भी रहेंगे
इंसा रहे या न रहे …..
के एम् भाई
प्यार के दो मीठे बोल
कल भी थे,
आज भी हैं और
कल भी रहेंगे
इंसा रहे या न रहे ….. बहुत खूब .