वो नहीं अब हमारे
मिलेगी जीन्दगी लेकिन जमी ना मोहब्बत की होगी ।
हमने चाहा टूटकर तुझको ना अब वो मुलाकात होगी ।
हमने चाहा देखना तेरे दिल में खुद को ।
ये थी गलती हमारी गलती ये हमसे दोबारा ना होगी ।
खो जायेंगे हम इस कदर जहाँ में ।
जो आवाज दोगे तो भी अनु ना होगी ।
रोओगे उस दिन तुम आकर दर पे हमारे ।
जिस दिन ये नफरत खतम दिल से होगी ।
बुला ना सकोगे पलटकर तुम हमको ।
तब तक जीन्दगी रेत सी हथेली से फिसल गई होगी ।
अनुपमा दीक्षित मयंक
रोओगे उस दिन तुम आकर दर पे हमारे ।
जिस दिन ये नफरत खतम दिल से होगी । बहुत खूब .