किरीट सवैया
किरीट सवैया(आठ भगण_ 211× 8)
लेखक नायक लेख सजोवत प्रेम महीं रस गावत नारद
शेष महेश गणेश मनावत प्रेम सदा मन भावत शारद
ज्ञान सुधा रस पान करे नित मातु पिता गुण गावत नारद
भाव विभाव प्रभाव जताय दिनेश विशेष बतावत शारद
— राजकिशोर मिश्र ‘राज’
प्रिय राजकिशोर भाई जी, शब्द-शब्द की सुंदर मणिका के लिए आभार.
आदरणीया बहन जी सादर प्रणाम आपके स्नेहिल आत्मीय हौसला अफजाई के लिए तहेदिल से आभार —–