धडकन हुई बेताब सिर्फ आपके लिये..
अर्पण है दिल गुलाब सिर्फ आपके लिये
धडकन हुई बेताब सिर्फ आपके लिये।
आंखों में ख्वाब लब पे आपका ही नाम है
अरमां हैं बे हिसाब सिर्फ आपके लिये॥
सांसों में खुशबु आपकी बातों में आप हो
दिन के उज़ाले चांदनी रातों में आप हो।
महसूस साथ करता हूं दिन रात आपका
दिल के करीब आप हो नातों में आप हो॥
होठों की कोपलों से प्यार प्यार बोल दो
करते हो हमसे प्यार बे शुमार बोल दो।
इस दिल की धडकनों के तार छेड दो जरा
दिल जो भी चाहता है बार बार बोल दो॥
जो लड सके न दुनिया से वो आशिकी है क्या
जो दिल में न उतर सके खुशी खुशी है क्या।
दिलवर का साथ न हो हाथ में जो ना हो हाथ
बिन प्यार ज़िन्दगी भी कोई ज़िन्दगी है क्या॥
सतीश बंसल