वैज्ञानिक कहलाऊँगा…..
मॉ मैं बडा होकर
खुब नाम कमाऊँगा
धरती के साथ-साथ
सौर्य मंडल का सैर लगाऊँगा
शुष्क विरान भूमि पर
जल का खोज करूँगा
वहॉ पहूँचकर एक
प्यारा सा घर बनाऊँगा
नन्ही-नन्ही फूलो की क्यारीयों सें
ऑगन को खुब सजाऊँगा
मेरे को देख पडोसी भी
वहॉ पर घर बनाएँगें
फिर तो वहॉ एक
छोटा सा गॉव बसॉऊँगा
इसी तरह नयी-नयीं खोज कर
एक दिन वैज्ञानिक कहलाऊँगा|
निवेदिता चतुर्वेदी
सन्देश परक .
प्रिय सखी निवेदिता जी, सुंदर भावपूर्ण रचना.
सुन्दर रचना!!