गीत/नवगीत

कलियों से कह दो मुस्काएं

कलियों से कह दो मुस्काएं, फूल खिले बगिया महकाएं।
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं॥

श्रृंगारित हो जाओ लताओं, दिलवर का स्वागत करने को।
खुशबु से महकाओ फिज़ाओ, मदहोशी मन में भरने को॥
कहो गुलाबों से राहों में, पंखुडियों की की प्रीत बिछाएं…..
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं……

बेला चमेली जूही तुम, मुस्काना उनके आने पर।
इंद्रधनुष के जैसे रंग, सजाना उनके आने पर॥
करुं तितलियों से विनती, स्वागत में तोरण द्वार बनाएं…..
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं….

धीरे धरे बहो समीरा, लट न उलझे प्रियतम की।
ध्यान रहे बदली बन जाना, शोभा उनके काजल की॥
बिजली से कहदो न चमके, मीत मेरा कही न डर जाए….
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं……

करता हूं आगाह सभी को, नजर लगा न देना उनको।
अपनी जलन छुपा कर रखना, कहीं जता न देना उनको॥
अंग अंग में रति हैं उनके, सुन्दरता भी शीष झुकाए…..
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं……

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.