गीतिका/ग़ज़ल

कैसे ये इश्क़ देखिये हालात करे है…

हमदम भी मेरा प्यार की बरसात करे है
आकर वो खयालो में मुलाक़ात करे है।

नज़रे यूँ मिलाकर किया इकरार तो लेकिन
कैसे ये इश्क़ देखिये हालात करे है।

नज़दीक वो बैठा है कहे कुछ न ज़बाँ से
वो अपनी निगाहों से मगर बात करे है।

डूबा है वो चाहत में मेरी कितना बताऊँ
हमदम तो आँखों आँखों में ही रात करे है ।

अरमान जगाकर वो चला जाता तो है दूर
फिर खूब खयालात में उत्पात करे है।

— दिनेश

दिनेश दवे

नाम : दिनेश दवे पिता का नाम :श्री बालकृष्ण दवे शैक्षणिक योग्यता : बी . ई . मैकेनिकल ,एम .बी.ए. लेखन : विगत चार पांच वर्ष से , साँझा प्रकाशन पता : दिनेश दवे , केमिकल स्टाफ कॉलोनी ,बिरलाग्राम, नागदा जिला उज्जैन ..456331..मध्य प्रदेश