गीतिका/ग़ज़ल

चाँद को निकले जमाना हो गया…….

देख तुम को गुनगुनाना हो गया
खूबसूरत ये बहाना हो गया

वो नज़र आये नही तो यूँ लगा
चाँद को निकले जमाना हो गया

दिल चुराया प्यार से जबसे मेरा
दिल हसीं सा आबदाना हो गया

मुझ को जब से मिल गया वो गुलबदन
खुशबुओं का आना जाना हो गया

वो हमारी बात सुनकर जो हँसे
ये हमारा तो कमाना हो गया

“दिनेश”

दिनेश दवे

नाम : दिनेश दवे पिता का नाम :श्री बालकृष्ण दवे शैक्षणिक योग्यता : बी . ई . मैकेनिकल ,एम .बी.ए. लेखन : विगत चार पांच वर्ष से , साँझा प्रकाशन पता : दिनेश दवे , केमिकल स्टाफ कॉलोनी ,बिरलाग्राम, नागदा जिला उज्जैन ..456331..मध्य प्रदेश