गीत
अगर आसान होता,
तो शायद कर भी देते,
इक दूसरे को,
हम रब के हवाले,
मगर तुमको पता है,
कि ये मुमकिन नहीं है,
तू ही दुनिया है मेरी,
कुछ तेरे बिन नहीं है,
तुमसे ही सुबह मेरी,
तुम से ही शाम मेरी,
तुमसे और सिर्फ तुमसे,
जान पहचान मेरी,
जान-ओ-दिल तू ही मेरा,
तू मेरी जिंदगी है,
तू ही मेरा खुदा है,
तू मेरी बंदगी है,
बड़ी मुश्किल से बीती,
जुदाई की वो रातें
कभी मुझसे ना करना,
बिछड़ने की तू बातें,
सिवा तेरे दिखाऊँ,
किसे मैं दिल के छाले,
बता कैसे करूँ मैं,
तुझे रब के हवाले,
— भरत मल्होत्रा
बहुत खूब .