प्रीत रीत जीवन नैया है..
प्रीत रीत जीवन नैया है, धर्म कर्म पतवार है।
नियम अनुशाशन मर्यादा, जीवन के आधार है॥
धीर विवेक ज्ञान ज्योति से, मन का दीपक दीप्यमान हो।
सत्य सार जीवन की थाती, निष्ठा मन में विद्ध्मान हो
कर्तव्यों का निर्वाहन ही, जीवन का अधिकार है….
नियम अनुशाशन मर्यादा, जीवन के आधार है…..
रहे चेतना हर पल हर क्षण, मानवता सम्मान की।
मन में रहे भावना निर्मल, चाहत नवल निधान की॥
सर्वसमनव्य समता ममता ही, जीवन के सार है….
नियम अनुशाशन मर्यादा, जीवन के आधार है…..
सबके भावों की अनुभूति, सबके हित की बातें हो।
लालच ईर्ष्या द्वेष से ऊपर, मानवता के नातें हो॥
सरल स्वभावी और निश्छलता, करती भव से पार है….
नियम अनुशाशन मर्यादा, जीवन के आधार है…..
है सौभाग्य परम हम सबका, हमको मानव रूप मिला।
सबसे श्रेष्ठ बाद ईश्वर के, हमको ये प्रारूप मिला॥
सोचो समझो और पहचानों, क्या जीवन का सार है…..
नियम अनुशाशन मर्यादा, जीवन के आधार है…..
सतीश बंसल