मुस्कराते चेहरे पर स्वीकार पढ़ लिया
मुस्कराते चेहरे पर स्वीकार पढ़ लिया
यूँ लगा मानो मेरा अधिकार पढ़ लिया ||
लब कभी जो कह न पाए तुम्हारे पर
खूबसूरत नजरो में इकरार पढ़ लिया ||
तुम्हारे खूबसूरत अंदाज़ अदाओं में
चहकता सा हमारा संसार पढ़ लिया ||
जुल्फे खोल तुमने जब यूँ बिखराई
खुशियों का मैंने अम्बार पढ़ लिया ||
चाह कर तुम छुपा न पाती कुछ भी
दिल की बातो को हर बार पढ़ लिया ||
“दिनेश “