गीत/नवगीत

दिल जिगर ये ज़ान-ओ-तन कुर्बान तुझ पर ऐ वतन।

ख़ुदा का नूर रोशन रहे ज़माने में, मेरे वतन का का ज़माने में अहतराम रहें।
तुझको सज़दे मेरा ऐ माद़रे वतन मेरे, हर ज़माने में आसमां पे तेरा नाम रहे॥

दिल जिगर ये ज़ान-ओ-तन कुर्बान तुझ पर ऐ वतन।
तु ही मेरा देवता सज़दे तुझे शत शत नमन॥

प्यार तेरा इन रगों में बह रहा बन कर लहु।
सांसे तेरी ही अमानत तुझपे कुर्बां आरजू॥
तेरी शोहरत जुस्तज़ु है, तु मोहब्बत का चमन…
तु ही मेरा देवता सज़दे तुझे शत शत नमन….

धडकनों में राग तेरा, दिल में तेरी प्रीत है।
तु हमारी जिन्दगी है, प्रीत तु मनमीत है॥
आन तु है शान तु है नींद तु और तु नयन…..
तु ही मेरा देवता सज़दे तुझे शत शत नमन….

दिल कहे सब ख्वाहिशों को इस वतन पर वार दूं।
हो गगन तेरी बुलंदी दुनियां को ललकार दूं॥
तेरे कदमों में ज़माना तेरे सदके हर चमन…

तेरी पावन माटी हमको स्वर्ग से प्यारी वतन।
हम तेरे सदके हमारी जिन्दगी सारी वतन॥
हर लहु की बूंद तेरी, जान तेरा तेरा तन……
तु ही मेरा देवता सज़दे तुझे शत शत नमन….
तु ही मेरा देवता सज़दे तुझे शत शत नमन….

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.