बाल कविता : मैं एक छोटा सा पौधा हूँ
मैं एक छोटा सा पौधा हूँ
जीवन तन मन का सौदा हूँ
हरियाली नित दिन देता हूँ
खुशहाली का वर देता हू
मैं एक छोटा सा पौधा हूँ
जीवन तन मन का सौदा हूँ
जल की शोभा थल की शोभा
चाँद और तारों की शोभा
हरियाली का मै सागर हूँ
रिमझिम सावन का बादल हूँ
मैं एक छोटा सा पौधा हूँ
जीवन तन मन का सौदा हूँ
मुझे सजाओ इस धरती पर
जनजीवन का मै स्वर हूँ
वीणा की झंकार मे मै हूँ
गीतों की हर तार मे मै हूँ
मैं एक छोटा सा पौधा हूँ
जीवन तन मन का सौदा हूँ
कण-कण शीतल मै करता हूँ
पथिकों की गरमी हरता हूँ
शीतल हवा सुगांधित देता
पावन याद जगा मै देता
मैं एक छोटा सा पौधा हूँ
जीवन तन मन का सौदा हूँ
मुझे लगाओ सुख पाओगे
खुशहाली घर – घर पाओगे
चाहत का संसार हूँ मैं
आप सभी का प्यार हूँ मैं
मैं एक छोटा सा पौधा हूँ
जीवन तन मन का सौदा हूँ
— राजकिशोर मिश्र ‘राज’
सर्वाधिकार सुरक्षित
०९०५२०१६
पौधा लगाओ जीवन बचाओ –
प्रिय राजकिशोर भाई जी, पौधा लगाएंगे, जीवन बचाएंगे.
सुन्दर कविता
आदरणीय जीआत्मीय हौसला अफजाई के लिए तहेदिल से आभार
उम्दा
आदरणीया
जी स्नेह के लिए आभार संग नमन
आदरणीया
जी स्नेह के लिए आभार संग नमन
अति सुंदर.
आदरणीया बहन जी सप्रेम नमस्ते — हार्दिक आभार