कविता : हर बात में तुम
हर बात में तुम,
जज्बात में तुम !
मेरा दिन हो तुम,
मेरी रात हो तुम !
बेनाम है तुमसे… रिश्ता मेरा
हमसफ़र नहीं, हमराज़ हो तुम !!
मेरी याद भी तुम,
फरियाद भी तुम !
जो दिल में बजे,
वो साज हो तुम !
साथ रहेगा … बस एहसासों में
चाहे जीवन की, बुनियाद हो तुम !!
— अंजु गुप्ता
सुंदर
हार्दिक धन्यवाद