शब्द ज्ञान
ताप की तीव्रता से दूर सड़क या मरुस्थल में जल का आभास होने की घटना को मृगमरीचिका कहते हैं।
पिता सुंड और माता ताड़का के पुत्र मारीच पर रावण की कृपा दृष्टि थी। वो भ्रम पैदा करने की कला में निपुण था और रावण ने सीता हरण की योजना को सफल बनाने के लिये मारीच की इसी कला का प्रयोग कर राम और लक्ष्मण को सीता से दूर किया था। मारीच ने स्वर्ण मृग का रूप धारण कर सीता को भ्रमित किया और राम को अपने आखेट के लिये विवश किया था।
ताप तरंगों से दूर पर पानी का भ्रम होता है। इस घटना का नाम मृगमरीचिका संभवतः इसी ऐतिहासिक प्रकरण से आया है।
हो सकता है ,यह ही सच हो .