कविता

कविता : सृष्टि

सृष्टि है संकट में
हरित क्रांति लाना है
हम इंसान की है भूमिका
सबको व्रक्ष लगाना है
पर्यावरण की रक्षा करेंगे
रहंगे सदा ख़ुश हाल हम
ध्यान रहे ये बात सदा
पेड़ों से है हम जीवित
पेड़ कटेंगे सन्से कटेगी
सृष्टि भी शून्य होजाएगी
हे मानव तू गगन को छूने
पर्यावरण मीटारहा है
पेड़ रहेंगे हम रहेंगे
हम सब से ख़ुश हाल रहेगा
प्राण बचेंगे पेड़ों के होने से

 राज मालपानी

राज मालपाणी ’राज’

नाम : राज मालपाणी जन्म : २५ / ०५ / १९७३ वृत्ति : व्यवसाय (टेक्स्टायल) मूल निवास : जोधपुर (राजस्थान) वर्तमान निवास : मालपाणी हाउस जैलाल स्ट्रीट,५-१-७३,शोरापुर-५८५२२४ यादगिरी ज़िल्हा ( कर्नाटक ) रूचि : पढ़ना, लिखना, गाने सुनना ईमेल : [email protected] मोबाइल : 8792 143 143