कविता

कविता : सिर्फ तुम

सिर्फ तुम
और तुम्हारा वो अगणित प्रेम
जानकार भी क्यों न जान पाया कभी
आकाश में खिंचा हुआ
वह दो पलकों का इंद्रधनुष
चीखकर जब भी रोया
तुम्हारी दो अलकों के बीच
रजत-चन्द्र सा वो मुखड़ा
तड़पकर जब भी तड़पा
समझ ही न पाया
उस एक मनुहार को
जो
अमृत के रस सा था
जो पूज्य था
पावन और पवित्र था
वाणी में दर्द तुम्हारा
रह -रह कर
कांपता सा था
तुम्हारे सपनों का
वो इंद्र -धनुष
मुझ आकाश की ओर
कितनी बेताबी से ताकता था
पर एक अज्ञात झिझक
मेरे अहम की
रोक देती थी मुझको
तुम्हारे अस्तित्व को
समेट लेने से
तुम्हारी अनलिखी वो पाती
न पढ़ सका कभी
तुम्हारे नयनों में
कभी भी
न गढ़ सका
प्रणय -पलों को
तुम्हारे प्रेमसिक्त अधरों में
न घोल सका
प्रीत अपने अधरों की
ओ-दिव्य-रूपिणी
न मद-मस्त हो सका
उस पुष्प-गंध में
जिसका स्पर्श मेरी आत्मा में
उतरने को व्यथित था
न जान सका कभी
कि देह की भाषा
देह द्वारा ही पढ़ी जा सकती है
स्पर्श ही है वो संजीवनी
जो प्रेम -जीवन में
प्राण फूंकता है
काश के सिर्फ तुम
और तुम ही
मुझे जिला पातीं
अपने मधुर स्पर्श से
अपनी देह से मेरी देह को
स्वाँसों का अमृत पिला पातीं
या मैं ही समझ पाता
देह से तिक्त
इस एकाकी मन की
तुम्ही हो वो अमृत धारा
तुम्ही तो हो वो
चैन वो सहारा
तुम्ही तो हो
सिर्फ तुम तुम्ही तो हो
……………….
सत्यागृह का अमोघ अस्त्र
चुप्पी
सौ बातों का एक ही उत्तर
चुप्पी
दीर्घ ,अविचलित चुप्पी
विचलित कर देती है मुझको
उद्वेलित कर जाती दिल को
जब तक बोलती रहीं
ध्यान ही नहीं गया
तुम पर कभी
मैं बेखबर ,बेसबर
हर शब्द को करता रहा अनसुना
तुम्हारे शब्द कानो से टकरा कर
गिरते रहे ,खोते रहे
पर आज
तुम्हारी ये चुप
दिल में सीधे उतरती जा रही है
बैचैनी में तुमने जो भी कहा
सुना ही नहीं कभी मैंने
फिर आज तुम्हारे मौन से इतना
बेचैन क्यों हूँ ??

डॉ. शालिनी अगम

शिक्षा-एम्.ए. (हिंदी) पी.एच.डी. प्रकाशन 1-उलझनों के हल 2-"ध्यान " २१ वें विश्व पुस्तक मेले में प्रकाशित 3--अंग्रेजी अनुवाद "टिप्स & ट्रिक्स फॉर ए हैप्पी लाइफ "वें विश्व पुस्तक मेले में लोकार्पित 4- "आगमन खुशियों का " ६-"प्राण मेरे " 5-रेकी द्वारा उपचार प़र आधारित पुस्तकें रिकी स्पर्श तरंग (सहलेखन ) ६- रेकी उपचार तरंग (सहलेखन ) ७ - "मुस्कुराहटें अभी बाकी हैं" (जयपुर से प्रकाशित )में सहलेखन ८ -"सिर्फ तुम "काव्यसंगृह में सह- लेखन ९--- "premgranth "(प्रेमग्रंथ) " "प्रणय से ओत -प्रोत एक अनूठी प्रेम कहानी ३--(कुछ शब्द मेरे अपने ") कविताओ का संग्रह उपलब्धियां -१-20वें विश्व पुस्तक मेले में "अनुभव -सर्जना सम्मान "प्राप्त 2- 21वें विश्व पुस्तक मेले में "नव्या" सम्मान -३- "स्पार्क" ब्यूटी विद ब्रेन अवार्ड २०१२ ४- -इन्टर नेशनल रेकी अवार्ड रेकी ग्रैंड मास्टर ,शुभ आरोग्यं-रेकी हेलिंग एंड ट्रेनिंग सेण्टर ३- आगमन क्वीन २०१३ ४- श्रीमती फेसबुक २०१३ ५- "प्रखर साहित्य सम्मान " ६- "आगमन गौरव सम्मान" २०१३ ७- इंटरनेशनल रेकी अवार्ड ८- स्त्री शक्ति राष्ट्रिय अवार्ड २०१४ ९- "सर्वश्रेष्ठ लेखिका सम्मान " २०१४ १०- "साहित्य मणि " सम्मान ११- "नारी शक्ति २०१३ " सम्मान डायरेक्टर ( कंस्ट्रकशन कम्पनी ) मुख्य-अतिथि के रूप में अनेक विद्यालयों व् संस्थानों में आमंत्रित व् सम्मानित साहित्यिक अभिरुचि "समाज कल्याण " दिल्ली सक्रिय लेखन "अनुराधा प्रकाशन" दिल्ली में सक्रिय लेखन "खबरयार "भोपाल समाचार -पत्र में कविता प्रकाशित "दैनिक जागरण " में प्रकाशित आलेख व् कवितायेँ "नव्या"हिंदी साहित्य में सक्रीय रूप से लेखन "नव्या - समकालीन हिंदी साहित्य की पाक्षिक बेव पत्रिका "में अनेक आलेख व् कवितायेँ प्रकाशित छात्र जीवन में अनेक पुरुस्कार प्राप्त,अनेक पात्र-पत्रिकाओं में आलेख एवं कवितायेँ प्रकाशित . "सन्मार्ग " समाचार-पत्र मैं कवितायेँ व् आलेख प्रकाशित "लोक-जंग " समाचार-पात्र भोपाल में सक्रीय लेखन महिला -पत्रिका के लिए लिए मोडलिंग "निशांत टाइम्स " में सक्रिय लेखन "आगमन "पत्रिका में स्थायी स्तम्भ , लेख व् कविताओं के साथ कवर पेज मोडलिंग भी "राष्ट्रीय आवाज़" में कवितायेँ प्रकाशित "जनपथ "दिल्ली में सक्रीय लेखन "ट्रू मिडिया " , पुष्पवाटिका ","निशांत टाइम्स " इत्यादि में सक्रीय लेखन क़लम की सह सम्पादिका अनेक -पेपर्स में आर्टिकल्स व् कवितायेँ साहित्यिक अभिरुचि-हिंदी की ब्लोगर Dr. Sweet Angel: 1- "sweet shalini ka sweet world" 2-"namaste India " 3- "Tip of The Day" Blog help in your positive Attitude (How to improve yourself) http://sweetshalinikasweetworld.blogspot.com http://shaliniagam.jagranjunction.com http://shaliniaggarwalshubhaarogyam.blogspot.com

One thought on “कविता : सिर्फ तुम

  • राज मालपानी

    वह ख़ूब

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