नभाटा ब्लॉग पर मेरे दो वर्ष – 9
मैं नभाटा में अपने ब्लॉग पर राजनीति के अलावा अन्य विषयों पर भी बीच बीच में लिखता रहता था. मैं प्रारम्भ से ही प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद का समर्थक हूँ और एलोपैथी से बहुत चिढ़ता हूँ, हालाँकि मेरे घर-परिवार में ही अनेक एलोपैथिक डाक्टर हैं.
ऐसे ही एक अवसर पर मैंने एक लेख लिखा- “झोलाछाप डाक्टर बनाम अटैचीछाप डाक्टर”. इस लेख में एलोपैथी के इन दोनों श्रेणियों के डाक्टरों की तुलना की गयी थी और बताया गया था कि दोनों ही प्रकार के डाक्टर समाज की एक जैसी कुसेवा कर रहे हैं.
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/…/%E0%A4%9…
इस लेख पर बहुत कमेंट आये. कई लोगों ने यह समझा था कि मैं अटैचीछाप डाक्टरों का विरोध करके झोलाछाप डाक्टरों का पक्ष ले रहा हूँ. लेकिन मेरा मतलब ऐसा बिल्कुल नहीं था. मैंने तो दोनों का बराबर विरोध किया था. कई लोगों ने इसबात पर बहुत बहस की, लेकिन अधिकांश ने मेरा समर्थन ही किया.
कई लोगों ने पूछा कि इसका विकल्प क्या है, तो मैंने उनको बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा ही सबसे अच्छी पद्धति है. मैंने इसबारे में एक पुस्तिका भी लिखी है, जिसकी सूचना मैंने अपने एक लेख “स्वास्थ्य के बारे में एक अनुपम पुस्तिका” में दी और लोगों से वह पुस्तिका ईमेल से मंगाने का आग्रह किया.
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/…/%E0%A4%B…
इस लेख को पढ़कर सैकड़ों पाठकों ने यह पुस्तिका मंगाई और पढ़कर उसकी बहुत प्रशंसा की.
‘स्वास्थ्य रहस्य’ नामक इस पुस्तिका में 12 अध्याय हैं, जिनमें ‘स्वास्थ्य क्या है?’ से लेकर प्राकृतिक चिकित्सा, व्यायाम, योगासन, प्राणायाम आदि का विस्तृत परिचय दिया गया है और प्रायः होने वाली शिकायतों की घरेलू प्राकृतिक चिकित्सा भी बतायी गयी है, जिनको कोई भी व्यक्ति बिना किसी खर्च के स्वयं कर सकता है। मेरा दावा है कि इस पुस्तिका में बतायी गयी बातों का पालन करने वाला व्यक्ति कभी बीमार पड़ ही नहीं सकता और यदि पड़ भी जाये तो बिना किसी खर्च के स्वस्थ हो सकता है। स्वास्थ्य पर ऐसी अन्य पुस्तक अभी तक किसी भी भाषा में नहीं लिखी गयी है।
विजय कुमार सिंघल
आषाढ़ कृ. 1, सं. 2073 वि.
प्रिय विजय भाई जी, पुस्तिका बहुत अच्छी थी.
लेख में वर्णित आपकी सभी बाते ज्ञानप्रद एवं सुखी जीवन अर्थात स्वास्थ्य का आधार हैं। हार्दिक धन्यवाद आदरणीय श्री विजय जी।
ज्ञानवर्द्धक आलेख